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बल्ड डोनेट करने से कैंसर का खतरा होता है कम: डॉ. शिल्वा

8 वर्ष पहले
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खून,एक ऐसी चीज है, जिसकी जरूरत किसी को भी कभी भी जरूरत पड सकती है। इसमें कई बार ऐसा होता है कि व्यक्ति जिंदगी और मौत के बीच होता है और उसे खून की सख्त जरूरत होती है। जिसे हम जैसे लोग ही टाइम टू टाइम ब्लड डोनेट कर ऐसे व्यक्तियों की जिंदगी बचा सकते हैं। इसलिए हमें हर तीन महीने बाद अपना ब्लड डोनेट करते रहना चाहिए। इससे किसी भी जरूरतमंद को इमरजेंसी में उसकी जरूरत को पूरा किया जा सकता है। यह कहना है डाॅ. शिल्वा का, जिन्हाेंने बताया कि लोगों को ब्लड डोनेट के लिए प्रेरित करने ेलिए भी कैप का आयोजन किया जा रहा है।

दरअसल, एमडीसी सेक्टर-4 के एक हॉस्पिटल ने रेड क्रॉस सोसायटी के साथ मिलकर ब्लड डोनेशन कैंप का आयोजन किया गया। इसमें 120 से ज्यादा लोगों ने हिस्सा लिया। वहीं, कैंप में सेक्टर-6 स्थित जनरल अस्पताल की टीम की देख रेख में लोगों ने कैंप में ब्लड डोनेट किया। पीजीआईएमईआर के डाॅ. शिल्वा, एमडी ने बताया कि एक बार ब्लड डोनेट करने से 600 किलो कैलोरी कम होती है। वहीं, बार बार ब्लड डोनेट करने से कैंसर का खतरा कम करने में मदद मिलती है। वहीं, इससे कार्डियोवैस्क्यूलर सेहत दुरुस्त रहती है। इसके अलावा लाइफस्टाइल से जुड़ी कई बीमारियों की भी जांच हो जाती है और किसी रोग से ग्रस्त होने पर उनका आसानी से इलाज भी किया जा सकता है।

डॉक्टरों ने बताया कि दुर्घटना के शिकार व्यक्तियों का ज्यादा खून बहने से अक्सर उन्हें जिंदगी बचाने के लिए डोनरों की जरूरत पड़ती है। वहीं, कैंसर से जूझ रहे मरीजों तथा कीमोथेरापी कराने वाले मरीजों को भी लंबे समय तक ब्लड डोनरों की जरूरत पड़ती है, ताकि उनमें हीमोग्लोबिन और प्लेटलेट्स की कमी दूर की जा सके।

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